
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
किसी भी कार्य की शुरुआत में कलश की स्थापना की जाती है चाहे उदघाटना हो या शुभारम्भ अवसर हो कलश स्थापना की जाती है. कलश पर जो नारियल रखा जाता है तो उस पर पांच बार या सात बार नहीं नौ बार मौली(नाडा) लपेटा जाता है. (पांच या सात बार लपेटने से लक्ष्मी की छिन्नता होती है) कलश में 33 कोटि भगवान् विराजित माने जाते है. कलश स्थापना के समय किसी देवता को बुलाने की आवश्यकता नहीं होती, 33 कोटि देवता कलश में स्वतः विराजमान रहते है. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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