
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
नवरात्रि – नवमी – माँ सिद्धिदात्री का पूजन नवरात्रि के नौवे दिन (नवमी) पर माँ सिद्धिदात्री का पूजन एवं आराधना की जाती है. इस दिन जो भी साधक पूरी निष्ठा के साथ शास्त्रीय विधि विधान से माँ की पूजा करता है, उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इन सिद्धियों के बल पर साधक कहीं भी विजय प्राप्त कर सकता है। माँ सिद्धिदात्री को चार भुजाओं के साथ चित्रित किया जाता है। इनका वाहन सिंह है और ये कमल के फूल पर आसीन होती हैं। मां के एक हाथ में सुदर्शन चक्र और दूसरे हाथ में गदा है। तीसरे में शंख है और चौथे में कमल का फूल है। पुष्प: माँ सिद्धिदात्री को रातरानी के पुष्प अर्पित किए जाते है. रातरानी को कुछ जगहों पर पारिजात एवं हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है. नवे दिन की पूजा में माता सिद्धिदात्री को पुरी, चने और हलवे का भोग लगाया जाता है और यह भोग कन्याओं को भी दिया जाता है. इस दिन कन्या पूजन किया जाता है. कृपया जानकारी नौ लोगो तक अवश्य पहुचाएं. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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