
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
पूजन समय: आप पूजन प्रदोषकाल में प्रारम्भ कर सकते है. पूजन थाली – कुंकू, रोली, अबीर, गुलाल, चन्दन, मौली (लाल धागा), 5 अमरबेल के टुकड़े, 7 कमलगट्टे, 5 हल्दी की गाँठ, अगरबत्ती, धुपबत्ती जल का पात्र आदि. स्वच्छ साफ़ स्थान पर देसी गाय के गोबर से लेपन करे. गोबर न हो तो उत्तम जल से लेपन करें. एवं इस पर एक सुन्दर चौक को पूर्ण करें. (नोट: चौक बनाने के लिए केवल हल्दी,आटा एवं कुछ चावल या गेहूं के दाने का उपयोग करें) पाट (लकड़ी का) रखें. इस पर एक सुन्दर लाल वस्त्र बिछा देवें. इस पर थाली रखें. (दीपावली पूजन विधि एवं सभी उपाय Gurudev Pandit Pradeep Mishra App पर उपलब्ध है) एक थाली में कुंकू से स्वस्तिक का निर्माण करें. एक चांदी का सिक्का लेवें एवं एक सामान्य सिक्का लें. यदि चांदी का सिक्का न होतो अपने घर का एक का सिक्का या जो भी सिक्का हो उसे लेवे एवं थाली के अन्दर स्वस्तिक के ऊपर अलग अलग रख देवे. इन सिक्कों में माँ लक्ष्मी का ध्यान करें. आटे के सात दीपक बनाएं. सभी घी के एव लम्बी बाती के होंगे. एक दीपक आटे का तेल का लम्बी बाती का बनाए. (दीपावली पूजन विधि एवं सभी उपाय Gurudev Pandit Pradeep Mishra App पर उपलब्ध है) घी के सात दीपक माता लक्ष्मी (सिक्कें) के सीधे हाथ पर (आपके उल्टे हाथ पर) रख देवें. एक दीपक तेल का सिक्कें के उल्टे हाथ पर(आपके सीधे हाथ पर) रख देवें. जल से दोनों सिक्कों का पूजन करें, पश्चात कुंकू, हल्दी आदि से पूजन करें. पूजन करने के बाद दोनों सिक्कों को मौली (नाडा, लच्छा) से लपेटे. सिक्कों को अपनी जगह रखें. पुनः जल का छीटा देकर उनका पूजन करें. कुछ चावल को हल्दी में भिंगो ले और इन पीले चावलों को उल्टे हाथ में रखकर सीधे हाथ में माता लक्ष्मी के ऊपर (जो दोनों सिक्के है उनपर) छोड़ते जाएं. स्मरण करें - हे रिद्धि सिद्धि के दाता गजानंद गणपति महाराज आप हमेशा हमारे घर पर सदा माँ लक्ष्मी, नारायण एवं कुबेरभंडारी के साथ विराजमान रहें. श्री गणेश, माँ लक्ष्मी, भगवान नारायण, शिव का ध्यान करें (चावल छोड़ते जाए, विनती करते जाएं) जब यह पूजन हो जाए फिर कमलगट्टे, अमरबेल के टुकड़े, हल्दी की गाँठ माता लक्ष्मी को समर्पित करें. दोनों हाथों में हल्दी पीसी हुई लीजिए एवं माता लक्ष्मी (सिक्कों) पर चढ़ाइए. यह विधि सात बार करें. अपनी कामना कर माता लक्ष्मी को अपने घर विराजमान करने की कामना करते रहें. अब दोनों हाथों में कुंकू रोली ले लीजिए इसे भी माता लक्ष्मी को समर्पित कर दीजिए. पश्चात जो भी मीठा हो उसका भोग लगाएं. आपके घर के मंदिर में जो भी भगवान हो उनका पूजन करिए. सात दीपक से माता लक्ष्मी की आरती करें. आरती पश्चात दीपक की थाली निचे रखे. माता से अत्यंत प्रेम भाव से विनती करें हे वैभव लक्ष्मी, हे धान्यलक्ष्मी आप हमारे घर में विराजमान हो. झोली पसार कर विनती करें, विनती करके झोली को अपनी ओर गिरा लेवे. सात दीपक जिनसे आरती की है, उनमें एक दीपक को माता लक्ष्मी के उल्टे हाथ (आपके सीधे हाथ) पर रखें एवं शेष दीपक घर के अलग अलग स्थानों पर जैसे रसोई घर, जहा लक्ष्मी रखते हो, तुलसी क्यारी के पास आदि जगहों पर रख देवें. नोट: जो भी सामग्री आप इस दिन खरीद कर लाए है उसका भी पूजन इसी दिन कर सकते है अत्यंत प्रसन्नता एवं आनंद के साथ, प्रभु स्मरण करते हुए समय बिताए. नोट: पूजन पश्चात सिक्के थाली में ही रहने दे.. पाट यथावत रहने दे. निरंतर पांच दिवस इनका पूजन होगा. माँ लक्ष्मी आप सभी की पूजन आराधना स्वीकार कर धन सम्पदा से परिपूर्ण करें इसी भाव के साथ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम मोबाइल एप की पूरी टीम की ओर से आप सभी को दीपावली पर्व की बहुत बहुत शुभकामना.🙏🙏🙏
उपाय की विभिन्न श्रेणियां लोड हो रही है