
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा गाया गया सुन्दर भजन "अपनी किस्मत का ताला तुम खोलते चलो, श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो" भजन लिखित रूप में आपके लिए उपलब्ध हैं. आप भजन का pdf download भी कर सकतें हैं. Bhajan: "Apni kismat ka tala tum kholte chalo, shree shivay namstubhyam bolte chalo" Lyrics समझाना बड़ा मुश्किल था आखिर वो दर्द ए दिल था ।सच्चा दरबार लगा है ये भोले की महफिल है। समझाना बड़ा मुश्किल था आखिर वो दर्द ए दिल था ।सच्चा दरबार लगा है ये भोले की महफिल है.. नैनो को काशी वाले का दीदार चाहिए, वो काशी रहने वाला भोलानाथ चाहिए अपनी तकदीर का ताला तुम खोलते चलो श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो। श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो। कुछ कमी ना अरमानों की, तेरे इन दीवानों की, मुझको मदहोश बनाए, करतार तेरे नैनो की । कुछ कमी ना अरमानों की, तेरे इन दीवानों की, मुझको मदहोश बनाए, करतार तेरे नैनो की । दिल ना टूटे वो काशी का दीदार चाहिए वो काशी रहने वाला भोलानाथ चाहिए अपनी तकदीर का ताला तुम खोलते चलो श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो।श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो। भक्तों के तुम प्यारे हो तुम जिगरी दिल वाले हो, कितनो पे डोरे डाले तेरे नैन बड़े मतवाले। भक्तों के तुम प्यारे हो तुम जिगरी दिल वाले हो, कितनो पे डोरे डाले तेरे नैन बड़े मतवाले। नैनों को डमरू वाले का दीदार चाहिए वो काशी रहने वाला भोलानाथ चाहिए अपनी तकदीर का ताला तुम खोलते चलो श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो ।श्री शिवाय नमस्तुभ्यम तुम बोलते चलो। कृपया सुन्दर भजन सभी से शेयर अवश्य करें. 🙏🙏🙏 श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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