
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा किसी भी शिव मंदिर/ शिवालय में जल अर्पित करने के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण जानकारी बताई गई है. कई शिव मंदिरों में शिव परिवार स्थापित रहता है. जिनमें शिवलिंग के अतिरिक्त भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय एवं माता पार्वती जी की प्रतिमा भी विराजीत रहती है. कुछ भक्त गण शिवलिंग पर जल अर्पित करने से पहले एक ही लोटे से थोडा थोडा जल गणेश जी की प्रतिमा, कार्तिकेय जी की प्रतिमा एवं माँ दुर्गा जी की प्रतिमा पर अर्पित करते है उपरान्त शिवलिंग पर जल अर्पित करते है. जब आप जल चढाने जाए तब प्रत्येक प्रतिमा पर अलग अलग जल चढाने की आवश्यकता नहीं है. शिवलिंग स्वयं में सम्पूर्ण शिवपरिवार को समाहित करे हुए है. जिसके अंतर्गत शिवलिंग पर जहाँ से जल निचे की ओर जाता है उसके सीधे हाथ पर भगवान गणेश, उल्टे हाथ पर भगवान कार्तिकेय, बिच में पुत्री अशोक सुंदरी, शिवलिंग के ठीक पास माता पार्वतीजी का हस्तकमल होता है. यही नहीं शिवलिंग का अंतिम सिरा जहा से जल निचे की ओर गिरता है वहां 64 योगिनियाँ एवं जहा से जल फिर आगे बहता है वहां 33 कोटि देवता निवास करते है. अतः केवल शिवलिंग मात्र पर जल चढाने से सभी को जल चढाने का पुण्य प्राप्त होता है. नोट: यदि आप अन्य सभी का पूजन कर रहे है तो एक अन्य पात्र में अलग से जल ले जा सकते है. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम सन्दर्भ: श्री शिवपुराण कथा, 20 नवम्बर 2024(वाराणसी)
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