
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
पीपल, बेलपत्र एवं आंवला वृक्ष का हमारे पुराणों में बहुत महत्त्व बताया गया है. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा विभिन्न कथाओं में इन वृक्षों के बारे में, इनसे जुड़े उपायों पर प्रकाश डाला गया है. बेलपत्र वृक्ष जब लगे जीवन में तकलीफ बहुत ज्यादा हो, कोई काम हो ही नहीं रहा हो...धन सम्पदा की कमी हो, रुका हुआ पैसा आ नहीं रहा हो..तब प्रयास करें बेलपत्र के वृक्ष के निचे (बेलपत्र के वृक्ष की जड़ में) लाल चन्दन को घिस कर उसे एक पात्र में रखकर, उसमें जल भर कर तैयार जल को जड़ में चढ़ाए. निश्चित रूप से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. आमदनी होने लगेगी. काम बनने लगेगा. पीपल वृक्ष शरीर में कोई कष्ट हो, नसों में दर्द हो, कमर दर्द, पांव दर्द, घुटनों में दर्द हो, कोई नस दब गई हो इस तरह की समस्या हो तो एक कलश में जल और जल में थोड़ा सा इत्र डाल देवें. इस जल को पीपल के वृक्ष की जड़ में पीपलेश्वर महादेव का स्मरण करते हुए चढ़ा देवें. जो जल चढ़ाया है, उसी में से थोडा सा भाग ले कर आ जावें एवं इस जल को अपने शरीर पर जहां कष्ट हो वहां पर लगाए. आपको लाभ महसूस होने लगेगा. आंवला वृक्ष यदि आपका व्यापार नहीं चल रहा है, अच्छी ग्राहकी नहीं हो रही है तो आपको यह उपाय करना चाहिए. विभिन्न पुराणों में माना जाता है, की आंवले के वृक्ष की जड़ों में स्वयं नारायण निवास करते है. आंवले के वृक्ष के निचे एक चुटकी ‘हल्दी’ भगवान ‘हरिहर’ के नाम से रखकर पूर्व की और मुख कर के उस पर जल समर्पित करना प्रारम्भ कर दीजिये. इस उपाय को प्रत्येक शुक्रवार या प्रत्येक नवमी या प्रत्येक अष्टमी या प्रत्येक प्रदोष या प्रत्येक सोमवार को कर के देखिये. आप एक बार उपाय करेंगे अगली बार वह दिन आयेगा तब तक आप अपने व्यापार में उन्नति देखने लगेंगे. हर हर महादेव श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏🙏
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