
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
यह उपाय जिस दिन सोमवार हो एवं अष्टमी हो उस दिन करें. बिलपत्र की बिच वाली पत्ती पर पिला चन्दन लगाए, आस पास वाली दो पत्तियों पर लाल चन्दन लगाएं... इन दो पत्तियों से निचे जहां तक डंडी होती है वहा तक 33 कोटि देवता विराजमान होते है. बिच वाली पत्ती पर शहद लगाकर जहा अशोक सुंदरी का स्थान होता है वहां चढ़ा देवे.. ध्यान रखे डंडी का मुंह जहा से पानी निचे की ओर गिरता है उस ओर रखे.. इसके पश्चात शिवलिंग पर शिव मंत्र (ॐ नमः शिवाय, श्री शिवाय नमस्तुभ्यम,महामृत्युन्जय में से किसी भी) का जाप करते हुए जल चढ़ाएं, जब कलश में थोडा जल शेष रहे तब अशोक सुंदरी पर जहां आपने बिल्वपत्र चढ़ाई है, उस पर जल धार को चढ़ाए... बाबा महादेव से प्रार्थना कर, अपने मन की बात कहें. फिर उस बिल्वपत्र को उठाकर, आसपास जहाँ जलाशय हो या किसी पेड़ के निचे विसर्जित कर दे. एवं एक लोटा जल वहां भी चढ़ा कर वहा निवेदन कर के आ जाइए. भगवान भोलेनाथ आपकी समस्याओं को दूर कर सुखद जीवन प्रदान करेगा. हर हर महादेव
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