
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया है कि शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का चन्द्रमा भगवान भोलेनाथ की शीश पर सुशोभित रहता है. यदि आपको गंभीर से गंभीर बीमारी हो तब शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शाम को प्रदोष काल में चन्द्र देव का दर्शन कर, चन्द्र देव को कच्चे दूध का छींटा देवें. सफ़ेद पुष्प अर्पित करें. सफ़ेद चन्दन अर्पित करें. इसके पश्चात जो दूध है उसका छींटा अपने तन पर दीजिए. सफ़ेद चन्दन थोडा सा अपने शरीर पर लगा लीजिए. कितना भी जटिल रोग हो, केंसर,किडनी, हृदय रोग जैसे जटिल रोग हो, भोलेनाथ शुक्ल पक्ष की द्वितीया के चन्द्र में भोलेनाथ स्वयं विराजित हो कर रोगियों के रोग कष्ट दूर करते है. प्रदोष समयकाल: सूर्यास्त से 45 मिनिट पहले एवं सूर्यास्त के 45 मिनिट बाद तक प्रदोषकाल माना जाता है. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया है कि आँखों में तकलीफ हो, श्रवण शक्ति में कमी हो, बोलने में समस्या हो, शरीर काले काले दाग पड़ रहे हो उन्हें शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि के चन्द्रमा का दर्शन करना चाहिए. अवश्य लाभ प्राप्त होता है. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम🙏🙏🙏
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