
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
यदि आपका घर नहीं है, वाहन की सुविधा नहीं है, सम्पदा नहीं है, कष्टमय जीवन चल रहा है तो भोलेनाथ के शिवलिंग पर चढ़ी हुई गेहूं की बाली उठाएं एवं उसमें से १२ दानें निकाल लेवें. (यदि पहले से नहीं चढ़ी हुई है तो आप एक बाली चढ़ा कर पुनः उठा लेवें) यदि गेहूं की बाली नहीं है तो 12 गेहूं के दानें शिवलिंग पर (भोलेनाथ पर) अर्पित करें एवं पुनः इन 12 दानों को उठाकर उसमें से एक दाना अशोकसुंदरी वाली जगह पर अर्पित करें. शेष 11 दाने प्रत्येक माह की शिवरात्रि पर एक – एक कर के अशोक सुंदरी के स्थान पर अर्पित करते रहें. अगलें वर्ष की शिवरात्रि तक आप अभूतपूर्व परिवर्तन देखेंगे. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम🙏🙏
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