
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
जैसा कि आप सभी जानते है शीतला सप्तमी एवं अष्टमी का पर्व सभी भक्तों द्वारा आनंद के साथ मनाया जाता है. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी बताते है शीतला माता का पूजन आप जिस दिन करें उस दिन ध्यान रखे..माता शीतलता की देवी है..उन्हें ठन्डे पदार्थो से पूजन एवं भोग लगाया जाता है. कुछ आदरणीय माता बहने माता के पूजन में अगरबत्ती, दीपक भी जलाती है..ऐसा करने से बचना चाहिए.. माता के पूजन में किसी भी तरह के अग्नि पदार्थो को सम्मिलित नहीं करना चाहिए. धुप बत्ती, अगरबत्ती, दीप प्रज्वलन नहीं करना चाहिए. पूजन के लिए आप शुद्ध ठंडा जल, जल के पात्र में पुष्प आदि ले कर माता को समर्पित कर सकते है. चुनरी, श्रृंगार आदि से माता का पूजन करना चाहिए. ठन्डे भोजन प्रशाद का भोग लगाना चाहिए. पूजन के दिन विशेष रूप में मन को भी शीतल रखना चाहिए. क्रोध, जल्दीबाजी, उतावला पन आदि नहीं दिखाना चाहिए. पूजन के दौरान यदि किसी का धक्का लग जाए तो माता बहन मंदिर में ही क्रोध करने लगती है, ऐसा व्यवहार कदापि उचित नहीं रहता. मन को शीतल बनाए रखे एवं शांत चित्त से माता का पूजन कर स्वास्थ्य, एवं उत्तम जीवन प्राप्त करें. माता रानी का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो इसी भाव के साथ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
उपाय की विभिन्न श्रेणियां लोड हो रही है