
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया है कि जिस दिन गुरूवार एवं प्रदोष साथ साथ में पड़ जाए जिसे गुरु-प्रदोष भी कहा जाता है..उस दिन यह उपाय करना चाहिए. ध्यान रखें यह उपाय केवल गुरु प्रदोष के दिन किया जाना चाहिए. गुरु प्रदोष के दिन शाम को प्रदोष काल में एक दीपक में एक लम्बी बाती एवं एक गोल बाती रखे. दोनों बाती एक ही दीपक में रखना है. एवं दीपक में घी का उपयोग करें. साथ में तिन बेलपत्र लेकर जाएं. पहली बेलपत्र नंदी की पीठ पर जो ऊपर की ओर उठा हुआ भाग होता है वहां अर्पित करें. (नोट: कुछ यूट्यूब विडियो में पीठ पर पीछे की ओर बेलपत्र अर्पित करते दिखाया गया है जो की गलत है, नंदी की पीठ पर जो ऊपर की ओर उठा हुआ भाग होता है वहां अर्पित करें. सही उपाय के लिए ऐप पर उपाय खंड देखते रहें.) दूसरी बेलपत्र शिवलिंग पर माता पार्वती के हस्तकमल पर कहीं पर भी अर्पित करें. तीसरा बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें. अब जो दीपक आपने तैयार किया है, उसे शिवलिंग एवं नंदी के बिच का जो खाली स्थान हो वहां पर रखकर प्रजवलित करें. यदि वहां पर नहीं लगा सकते है या अन्दर दीपक लगाने की अनुमति न हो तो दीपक को उस स्थान पर स्पर्श करा कर बाहर लगा सकते है. गुरुदेव का कहना है इस उपाय को करने से कितना भी धन कोई लेकर गया हो, किसी ने गबन किया हो, सम्पदा का नाश हुआ हो, वह धीरे धीरे पुनः प्राप्त होती है श्री शिवाय नमस्तुभ्यम हर हर महादेव कृपया सही जानकारी
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