
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
वैशाख माह के प्रदोष या सोमवार या शिवरात्रि के दिन मिटटी के पात्र में रखा जल भोलेनाथ को अवश्य चढ़ाना चाहिए. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी बताते है वैशाख माह में किसी भी सोमवार या प्रदोष या शिवरात्रि के एक दिन पूर्व रात्रि में किसी भी मिटटी के पात्र में चाहे छोटी मटकी हो, हांड़ी हो या कुल्हड़ या छोटा मिट्टी का दीपक ही हो में पानी भर कर रख दीजिये एवं सुबह इस पात्र को घर के सभी सदस्यों के हाथों का स्पर्श करवा कर किसी ताम्बे के लोटे में डाल दीजिए. इस जल को किसी भी शिवलिंग में जाकर कुन्दकेश्वर महादेव का स्मरण करते हुए अर्पित कर दीजिये. जीवन में कभी आपको पीछे मुड कर देखने की जरुरत नहीं पड़ेगी. जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे. साथ ही यदि यह उपाय शिवरात्रि या प्रदोष के दिन करते है तो एक कार्य ओर करें. पात्र के जल में बेलपत्र का स्पर्श कराकर पहले बेलपत्र मन की कामना करते हुए अर्पित करे एवं पश्चात जल अर्पित करें. जो भी मनोकामना होगी बाबा अवश्य पूरी करते है. चाहे वह धन सम्पदा, परीक्षा, विवाह आदि से सम्बंधित हो. यदि धन वैभव, सम्पदा, सफलता हेतु यह उपाय कर रहे है तो जल को झेल कर घर नहीं लावें परन्तु यदि रोग या बीमारी के नाश के लिए कर रहे है तो जल अर्पित करने के बाद जल झेल कर घर लावें एवं उसें रोगी व्यक्ति को गृहण करावें. यदि बेलपत्र न मिले तो जो चढ़ा हुआ बेलपत्र है उसी को उठा कर पानी से धो कर पुनः पात्र में रखे जल से स्पर्श कर के मन में अपनी कामना का स्मरण करते हुए शिवलिंग पर अर्पित कर देवें. नोट: यह उपाय केवल वैशाख माह में किया जाता है श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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