
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा गया गया सुन्दर भजन "लुटा दिया भंडार काशी वाले ने, कर दिया माला माल काशी वाले ने" भजन लिखित रूप में उपलब्ध हैं. आप भजन का pdf download कर सकतें है Bhajan: Luta diya bhandar kashi vale ne, kar diya malamal kaashi vale ne लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने कर दिया मालामाल काशी वाले ने जैसी जो भावना लाया, वैसा ही वो फल पाया नहीं खाली उसे लौठाया, वो मन ही मन हरषाया कर दिया मालामाल काशी वाले ने लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने जो लगन लगाया सच्ची तो उसकी नाव ना अटकी नैया को पार लगाया, नहीं देर करी वो पल की | मिटा दिया जंजाल काशी वाले ने लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने जिसने श्रृंगार सजाया, बाबा का दर्शन पाया जिसने मांगा है बेटा, वो चाँद सा टुकड़ा पाया | कर दिया मालामाल काशी वाले ने लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने चरणों की किया जो सेवा, वो पाया मिश्री मेवा | वो मन ही मन हर्षाया, नैनों में रूप समाया | कर दिया सब को निहाल काशी वाले ने लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने
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