
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
आज 1 जून 2025 की श्री शिवपुत्री शिवमहापुराण कथा के महत्वपूर्ण बिंदु 👉 मंत्र जाप करने का तरीका मंत्र जाप करते समय माला/मनका किसी को दिखाई नहीं देना चाहिए. मंत्र जाप का उच्चारण जोर से नहीं करना चाहिए. यहाँ तक की ध्यान रखना चाहिए की जाप करते समय होठ न हिले यहाँ तक की जाप करते समय जिव्हा भी दिखाई नहीं देना चाहिए. मन ही मन में मंत्र जाप करना चाहिए. 👉 फुल धो कर नहीं चढ़ाना चाहिए. आप जैसा लाए है वैसा ही अर्पित करना चाहिए. 👉 यदि जीवन में लगे जब भी आगे बढ़ने का प्रयास करता हु बढ़ नहीं पाता हूँ, तो शिव मंदिर में जाए एवं जो बेलपत्र चढ़ा हुआ हो उसे उठा कर उसे देखते हुए अपने मन की बात कहें, बेलपत्र में शिव को अनुभूत करें, प्रार्थना करें एवं पुनः वही बेलपत्र भोलेनाथ को अर्पित कर देवें. यह बेलपत्र का आश्रय होता है, जो आपकी बात शिव तक पहुचाता है. 👉 गुरुदेव द्वारा बताया गया यदि व्यापार नहीं चल रहा है, दूकान शुरू करी है परन्तु चल नहीं रही है. ऐसे में बेलपत्र के वृक्ष के निचे की मिटटी में थोड़ा सा जल अर्पित कर, उस मिटटी पर अपनी ऊँगली का स्पर्श कर मिट्टी को अपनी दूकान पर लेकर आइये. और जब दूकान खोलो उस मिटटी का स्पर्श दूकान में होना चाहिए. आप निश्चित रूप से परिवर्तन अनुभव करेंगे. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 👉 कुबेरेश्वर धाम का रुद्राक्ष ऑनलाइन नहीं मिलता न ही किसी के माध्यम से भेजा जाता है. चाहे आप किसी किसी परिचित से बुलवाए, परन्तु आपको प्रयास करना चाहिए आपके परिवार के किसी सदस्य ने स्वयं कुबेरेश्वर धाम आकर हाथ फैलाकर, झोली पसार कर निवेदन करे, शिव स्वयं रुद्राक्ष के रूप में आपके साथ जाता हैआपकी परेशानियां दूर करता है. 🛕🛕श्री शिवाय नमस्तुभ्यम🛕🛕 🙏 कृपया जानकारी अन्य से भी साझा करें 🙏
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