
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
दिनांक 3 जून 2025 को ऑनलाइन शिवपुत्री शिवमहापुराण कथा के महत्वपूर्ण बिंदु पुरे शरीर में तिन चीजे प्रमुख होती है, जो परमात्मा ने आपको दी है नेत्र: वाणी श्रवण करने की शक्ति प्रयास करें इन तीनों के माध्यम से भोलेनाथ की आराधना में समय व्यतीत करने का. जब भोलेनाथ एवं माता पार्वती चौसर खेल रहे थे, तो महादेव हारते है एवं माता जित जाती है. यह सिख है कि जहा प्रेम हो, वहां हारने में भी आनंद होता है. यदि परिवार में कभी मतभेद हो, तो थोडा सा झुक जाना चाहिए, जिनसे प्रेम हो उनके समक्ष जित हार नहीं करना चाहिए. जिससे प्रेम हो उसे जिताने का प्रयास किया जाना चाहिए. जब भी अवसर मिले बाबा कुबेरभंडारी के धाम आएं एवं सेवा का लाभ उठाएं, प्रयास करें इस दौरान दिखावे के लिए कार्य न करें. बस बाबा की भक्ति में खो कर, आनंद से बाबा का नाम स्मरण करते हुए बाबा के धाम में समय व्यतीत करें. अपने आस पास के मंदिर में भी जाए तो किसी को दिखाने के लिए शिव की उपासना न करें. क्योंकि कोई देखें या न देखें वह देवाधिदेव महादेव सब देख रहा है. वह हमारी सच्ची भक्ति और दिखावे की भक्ति दोनों जानता है. पानी और मन दोनों एक जैसे होते है...पानी को कितना भी गर्म कर लो थोड़ी देर बाद ठंडा हो ही जाता है. इसी तरह मन में यदि क्रोध भी आए तो कुछ ही देर में वह भी ठंडा हो जाता है. कथा के दौरान गुरुदेव द्वारा एक सुन्दर उपाय भी बताया गया है जिसे आप उपाय खंड में देख पाएंगे.
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