
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
आज की कथा गजासुर वध पर केन्द्रित रही. जिसके अंतर्गत श्री कृत्तिवासेश्वर महादेव की महिमा का वर्णन सुनने को प्राप्त हुआ. लिंगायत संप्रदाय की भक्ति के केंद्र में शिवलिंग होता है. जब तक हमारा केंद्र केवल और केवल भगवान भोलेनाथ नहीं होता तब तक मन भटकता रहता है.. इसलिए भक्ति में विश्वास का होना बहुत आवश्यक है. दो व्यक्ति होते है.. एक व्यक्ति कुछ गलत काम कर देता है, लोग उसे पकड़ कर पुलिस थाने ले जाते है. वह व्यक्ति हाथ जोड़ता है. उसे थाने ले जाकर जेल में डाल देते है वहीँ दूसरा व्यक्ति व्यक्ति ऐसा है जिसे गलत काम करते हुए जब पकड़ा और थाने पर ले जाने लगे तो वह कहता है तुम मुझे जानते नहीं हो...मैं फला फला व्यक्ति को जानता हूँ यह पता चलते ही उसे छोड़ देते है जब परमात्मा का नाम हमारे घट घट में समाया हुआ रहेगा, तो अंत समय में जब यमदूत भी ले जा रहे होंगे तो शिव नाम को सुनते ही हमारे साथ सम्मानजनक व्यवहार कर संतोष प्रदान करेंगे. जीवन में कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, कितनी भी परेशानी क्यों न हो, यदि परेशानी को, उस कष्ट को मुस्कुराते हुए काट दिया जो तो अंत में सुख की प्राप्ति निश्चित है. किसी की निंदा करने से पहले, किसी को अपशब्द कहने से पहले उस व्यक्ति से कम से कम एक बार अवश्य मिलना चाहिए. क्योंकि दुनिया के लोगो की चुगली, लोगो की बातों में आकर हम उस व्यक्ति के बारे गलत विचार/राय बना लेते है. ऐसा करने की अपेक्षा हमें स्वयं उस व्यक्ति से मिलना चाहिए. उस व्यक्ति को जानने का प्रयास करना चाहिए. भगवान भोलेनाथ ने कभी कोई नशा नहीं किया. दुनियां के लोगो को नशा अच्छा लगता है इसलिए भगवान भोलेनाथ को भी नशे का माध्यम बना दिया. जिन्हें स्वयं को नशा करना होता है वे भांग आदि को भोलेनाथ का प्रशाद कहकर सेवन करते रहते है. जबकि भोलेनाथ ने कभी कोई नशा नहीं किया. भगवान भोलेनाथ के एक स्वरूप कृतिवासेश्वर महादेव तो नशा करने वालो को नशा मुक्ति दिला देते है. ऐसे महादेव को नशे से जोड़ देना गलत है. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया है कि लिंग पुराण, शिवमहापुराण में श्री कृतिवासेश्वर शिवलिंग को भी ज्योतिर्लिंग के रूप में माना गया है. (कृत्तिवासेश्वर मंदिर के बारे में ज्यादा जानकारी ऐप के मेरे ‘शिव – अनसुनी कहानियाँ’ खंड में उपलब्ध है) अपने बच्चो को आप इंजिनीयर बनाए, डॉक्टर बनाए परन्तु साथ में संस्कार देना भी आवश्यक है. बच्चो में घर परिवार के संस्कार होना भी बहुत आवश्यक है. आज कथा में एक सुन्दर उपाय बताया गया है जो कि उपाय खंड में उपलब्ध है कृपया जानकारी अन्य से भी शेयर करें
उपाय की विभिन्न श्रेणियां लोड हो रही है