
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
जीवन काल में व्यक्ति पूरा जीवन सुख को खोजने में निकाल देता है. एवं जब वह अंतिम शैया पर लेटा होता है तब हम कहते है ॐ शान्ति. परन्तु जैसे थोड़ी सी दवाई शरीर के रोग को कम कर शरीर को शान्ति प्रदान करती है, वैसे ही शिव पुराण कथा का थोड़ा सा श्रवण भी जीवन को शान्ति प्रदान करती है. जब भी शिव के सामने कुछ मांगो जैसे धन सम्पदा आदि. परन्तु कुछ मांगो या न मांगो, जब भी मांगो शिव से संस्कार जरुर माँगना. यदि संस्कार अच्छे होंगे तो आप अपने मेहनत एवं संघर्ष से सबकुछ प्राप्त कर लेंगे. जैसे कहीं पर जाते है तो पार्किंग में अपना वाहन खड़ा कर आगे हमें पैदल ही आगे बढ़ना होता है. उसी तरह घर, परिवार, कुटुंब, मित्र, रिश्तेदार सब एक जगह तक तो साथ रहते है, परन्तु वहां से हमें ही आगे बढ़ना पड़ता है. ऐसी परिस्थिति आ जाए जब कोई साथ न दे, तब महादेव पर किया विश्वास काम आता है, एवं वह महादेव आपके लिए जिस दिन शिव का कोई व्रत हो चाहे सोमवार हो, शिवरात्रि हो, प्रदोष हो, तीज हो, पशुपतिनाथ व्रत हो, सोलह सोमवार का व्रत हो या और कोई अन्य व्रत हो उस दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. बेलपत्र अर्पित करने के लिए आपको एक दिन पहले बेलपत्र तोड़ कर रख लेना चाहिए परन्तु व्रत के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. न ही किसी अन्य व्यक्ति से तुड़वाकर अर्पित करना चाहिए. एक दिन भी यदि आपने बेलपत्र को पूजा है, बेलपत्र को प्रणाम किया है तो जब जब प्रदोष का व्रत या शिव रात्रि का व्रत रखते हो या शिव का अन्य कोई व्रत रखते है तो आपके साथ बेलपत्र का वृक्ष भी व्रत रखता है ताकि आपको व्रत का फल प्राप्त हो सकें. गुरुदेव कहते है, सवाकिलो सोने के सिंहासन पर, मखमल बिछा कर, उस पर शालिग्राम भगवान को बैठा कर. उन पर आधा किलों हीरे, रत्न से जडित मुकुट अर्पित कर दान करने का जो पुण्य प्राप्त होता है, वहीँ पुण्य शिवलिंग पर एक बेलपत्र चढ़ाने का होता है. अमरनाथ की गुफा में माता पार्वती को भोलेनाथ जी तिन वचन देते है - - जब भी पति पत्नी आपस में झगडा करेंगे तो उनमें प्रेम बढेगा - काशी में जब कोई मरता है, तो उसके लिए तारक मंत्र मैं स्वयं प्रदान करूँगा. - भूल से भी बेलपत्र का कोई स्पर्श कर के समार्पित कर दे या दान कर दे तो वह संसार सागर में पुनः जन्म न लेवे उस जीव को मोक्ष की प्राप्ति हो त्रिपुंड की एक एक रेखा में 9 देवता वास करते है. अतः जब आप स्वयं के मस्तक पर त्रिपुंड लगाते है, आपके मस्तक पर 27 देवताओं का वास होता है. यदि कर्जा हो, ज्यादा कर्जा हो गया है तो वट वृक्ष के निचे यदि कोई शिवलिंग विराजित हो, या शिव का अंश स्वरूप हनुमान जी या माता जी का मंदिर हो तो उनका पूजन करें. एक लोटा जल अर्पित करें. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम मंत्र का जाप करें एवं अपनी मेहनत को बढाते रहे आपका कर्ज जरुर दूर होगा. अनाज पैदा करने के लिए पहले मिटटी को तोडना पड़ता है, तब एक बीज बोया जाता है. एक बीज टूटता है तो एक पौधा बनता है. बादल जब आकाश में टूटता है तब पानी बनता है. जब ही कोई आपको तोड़ने की कोशिश करें, आपको ताने मारकर गिराने की कोशिश करें आप टुटा हुआ महसूस करें तब निराश मत होना, आप भी कुछ न कुछ बड़ा और बेहतर बनकर निकलोगे जिसकी चमक संसार देखेगा. हमारे घर के कार्य करने के लिए वहीँ घर के अन्दर आता है जिसे हमने नियुक्त किया है. घर में साफ़ सफाई के लिए या खाना बनाने के लिए जिसे नियुक्त किया गया हो वहीँ आपके घर में प्रवेश कर पाता है. प्रभु की सेवा, शिव मंदिर में जाना भी सबसे संभव नहीं हो पाता. शिव की सेवा भी वहीँ कर पाता है, जिसे शिव स्वयं नियुक्त करता है. शिव का अपमान करने वाला, शिव निंदा करने वाला या शिव भक्त, शिव महापुराण की निंदा करने वाले को मानव देह त्यागने से पहले अपने अपराध की सजा भोगना ही पड़ता है. इसलिए कभी शिव भक्त की भी निंदा नहीं करना चाहिए, किसी का मजाक नहीं बनाना चाहिए. महाराष्ट्र के पंढरपुर के पास चन्द्रभागा नंदी है. चन्द्रभागा नंदी के तट पर बैठ कर पांच बार श्री शिवाय नमस्तुभ्यम या ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कर लेते है तो यह जीवन में आपके द्वारा किये गए सभी पापों को नष्ट कर देता है. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
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