
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
यह व्रत कुंआरी कन्याओं द्वारा श्रेष्ठ वर की कामना से एवं विवाहित महिलाओं द्वारा सुखद दाम्पत्य, संतान सुख, आनंदित जीवन, सुख शान्ति जीवन की कामना से किया जाता है. शिव मंदिर में या जहा भी तीज का पूजन किया जाए वहा फुलेरा बाँधना चाहिए फुलेरा में जो फूलों की लड़ी निचे लटकती है, उनकी संख्या 5 से कम ना हो. अधिक कितनी भी हो सकती है.परन्तु 5 से कम नहीं होना चाहिए.. फूलों के साथ आम एवं अशोक के पत्ते उपयोग कर सकते है प्रयास करें इस दिन कम से कम 5 या 7 फुलेरे का दर्शन अवश्य करें. इस हेतु आप आसपास के मंदिरों में या जहां भी फुलेरा बंधा हो वहां जा सकती है जब फुलेरा दर्शन के लिए जाएं तो वहां 5 वृक्षों की पत्तियां भोलेनाथ पर चढ़ाना चाहिए. यदि वहां भजन कीर्तन हो रहे हो तो भजन कीर्तन में शामिल भी होवें. यदि स्वास्थ्य आदि कारणों से व्रत न कर पाए तो फुलेरा के दर्शन मात्र से व्रत का पुण्य प्राप्त होता है. हरतालिका का व्रत कर रही सभी माता बहनों के चरणों में नमन करते हुए, आपके व्रत सफलता की कामना करते हुए.. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम🙏🙏🙏
उपाय की विभिन्न श्रेणियां लोड हो रही है