
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
कोई पिछले जनम के अच्छे करम, मुझे बाबा तेरा प्यार मिला. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा कहते है यदि यह मानव देह मिली है, तो निश्चित रूप से पूर्व जन्म में किया गया कोई पुण्य कार्य है, जिससे यह देह प्राप्त हुई है. अब इस जीवन में महादेव की भक्ति से अपनी इस देह को सार्थक करने का प्रयास करना है. धर्मपत्नी का सबसे बड़ा लक्षण यह भी होता है कि पति के घर यदि कुछ नहीं भी है, तो पत्नी को ग्लानी नहीं होनी चाहिए. उसे अपने महादेव पर भरोसा करना चाहिए, कि यदि कुछ नहीं भी है तो महादेव के आशीर्वाद से मैं इस घर में सबकुछ ला सकती है. पत्नी को अपने ह्रदय में बैठाना चाहिए, एवं माता पिता की आज्ञा को अपने शीश पर धारण करना चाहिए. उनका आशीर्वाद आपके घर परिवार में सुख समृद्धि लाता है जब रेलवे स्टेशन जाते है, टिकिट लेते है. एवं प्लेटफोर्म पर रेल का इन्तजार करने लगते है. जब तक रेल नहीं आती है एक बैचनी रहती है कब तक आएगी, आज देर क्यों हो गई, कहीं हम दुसरे प्लेटफार्म तो नहीं आ गए आदि. लेकिन जैसी ही रेल आती है, एवं उसमें बैठ जाते है, एक शान्ति सी महसूस करते है. उसी तरह आप तब तक चिंता में रहते है जब तक शिव के द्वार तक नहीं पहुचते है. जब एक बार शिव के द्वार पहुँच जाते है, शिव तत्व को प्राप्त कर लेते है, फिर कोई चिंता करने की जरुरत नहीं पड़ती है. बस बाबा के भरोसे सारी चिंता त्याग कर व्यक्ति आनंद से जीवन जीने लगता है. धर्मपत्नी यदि ठान ले, पति का भी सहयोग मिले तो एक पत्नी किसी वीरान घर को भी महल बना सकती है जहा भरोसा एवं विश्वास होता है, वहां शिव का निवास होता है. जिसके घर बेलपत्र का वृक्ष होता है, जो भोलेनाथ को अर्पित बेलपत्र को ग्रहण करता है, जो शिव पर अर्पित जल को ग्रहण करता है उसे कभी भुत प्रेत का भय नहीं रहता, क्योंकि भुत प्रेत सभी तो हमारे भुतनाथ के अधीन फहते है जैसे सर पर लगा त्रिपुंड का भस्म कभी एक्सपायर नहीं होता, उसी तरह बेलपत्र भी कभी एक्सपायर नहीं होता. कोई बेलपत्र कभी बासी नहीं होता. बहुत ज्यादा टेंशन हो, चिंता हो, शिव मंदिर में जाना, शिव जी को एक लोटा जल चढ़ाना एवं अर्पित किये जल में तिन ऊँगली लगाकर उसे अपने मस्तिष्क पर एक दम दबाकर, आँख बंद कर ॐ का जप करना है. आपको अद्भुत शान्ति का अनुभव होने लगेगा. आपको महसूस होगा मैं शिव के अन्दर हूँ, शिव मेरे अन्दर हैं. मेरे सारे कष्ट दूर करने वाले है. संसार सागर में यदि परमात्मा भी जन्म लेकर आते है तो उन्हें भो रोना पड़ता है..तो आप और हम जब संसार में कभी कोई गाली भी दे, कोई तकलीफ भी दे तो निराश मत होना, मजबूती से ऐसी स्थिति का सामना करना. विश्वास भाई भाई के बिच कमजोर हो तो रिश्ता टूट जाता है, पिता पुत्र के बिच कम हो तो रिश्ता टूट जाता है. विश्वास जब भक्त और भगवान के बिच कमजोर हो जाए तो भी वह रिश्ता टूट जाता है. यदि आप शिव पर विश्वास कर के शिव को पूजते है, शिव का स्मरण करते है, तो शिव जरुर आता है. जब आप शिव का पूजन करते है, तब यह इतना मायने नहीं रखता कि आपके पास जल है नहीं है, बेलपत्र है नहीं. परन्तु महत्वपूर्ण है कि आपको शिव पर भरोसा है कि नहीं है. यह विश्वास कर के मंदिर जाए कि आपका पिता आपकी बात सुनेगा, वह आपकी परेशानियां जरुर दूर करेगा. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
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