
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
शिव को कोई आडम्बर, कोई आभूषण नहीं चाहिए. शिव को केवल आपके मुख से सत्य वचन चाहिए होते है. इसलिए सत्यम शिवम सुन्दरम कहा जाता है. जहां सत्य होता है, वहां शिव निवास करता है. बेकार दिन कौन सा होता है? किसी दिन को बेकार माना जाना चाहिए? बेकार दिन वह होता है जिस दिन आपके मुख पर मुस्कराहट न हो और जिव्हा पर शिव का नाम न हो, वह सबसे बेकार दिन होता है. चार नवरात्र होते है, उसमें दो गुप्त नवरात्र होते है. कोई इन दिनों में कोई एकांत में शांत हो कर शिव का नाम जाप कर लेता है, उस पर शिव एवं शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है गुरुदेव कहते है, मानव की देह मिलना तो एक बार फिर भी आसान है. यदि आपने थोड़ा दान पुण्य किया, भूके को भोजन कराया, प्यासे को पानी पिलाना आदि यदि किया तो आपको संभव है मानव देह मिल जाए. परन्तु मानव देह मिलने पर पुनः अपने आप को शिव भक्ति में लगाना कठिन कार्य होता है. 33 कोटि देवताओं में केवल देवाधिदेव महादेव है, जो अपने पुरे परिवार के साथ पूजे जाते है. भोलेनाथ अपने सम्पूर्ण परिवार बच्चों गणेश, कार्तिकेय, अशोक सुंदरी आदि, पोते शुभ लाभ, पड़पोते आमोद प्रमोद आदि सभी के साथ पूजे जाते है. जब भगवान स्वयं सपरिवार पूजे जा रहे है, तो यह कारण कैसे हो सकता है कि कोई कहें भगवान की पूजा के लिए आपको परिवार छोड़ना पड़ रहा है. जीवन में जो आनंद परिवार के साथ रहकर भगवान की आराधना करने का होता है, वह अकेले रहने में कभी प्राप्त नहीं हो सकता. जब अपने लोगो की बात, परिवार के सदस्यों की बात आपको बुरी लगने लगे एवं बाहर के लोगो की बात आपको अच्छी लगने लगे समझ जाना आपका विनाश का समय नजदीक आ गया है. जिस तरह बच्चा जब अपनी गुल्लक फोड़ता है तो वह अपने पसंद की कोई वस्तु लेकर आता है. उसी तरह जब जीवन के कोई बहुत सारे पुण्य अर्जित हो जाते है तब शिवमहापुराण कथा श्रवण करने का एवं यजमान बनने का अवसर प्राप्त होता है. गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा पुनः स्मरण कराया गया कि जब शिव मंदिर जल चढाने जाओ तब रास्ते में किसी का भी घर हो, मित्र का या रिश्तेदार वहां न जाए. घर से सीधा मंदिर एवं मंदिर से सीधा घर जाना चाहिए. आज से नौ दिन (गुप्त नौ रात्रि) का सुन्दर उपाय भी गुरुदेव द्वारा बताया गया है. यह उपाय, उपाय खंड में उपलब्ध है श्री शिवाय नमस्तुभ्यम हर हर महादेव 🙏🙏
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