
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा गया गया सुन्दर भजन मेरे माथे पर कुमकुम की बिंदिया रहे, और मैया कोई कामना ही नहीं लिरिक्स आपके लिए उपलब्ध है. भजन लिरिक्स मेरे माथे पर कुमकुम की बिंदिया रहे pdf डाउनलोड की सुविधा भी उपलब्ध है. आप pdf download भी कर सकते है. Bhajan - mere mathe pe kumkum ki bindiya rahe मेरे माथे पर कुमकुम की बिंदिया रहे और मैया कोई कामना ही नहीं मेरे माथे पर कुमकुम की बिंदिया रहे और मैया कोई कामना ही नहीं उनकी लम्बी उमर हो यहीं मांगती, और मैया कोई कोई कामना ही नहीं दोनों हाथों में काचं की चूड़ियाँ रहें, दोनों हाथों में भर भर के चूड़ियाँ रहे, और मैया कोई कामना ही नहीं. मेरे पैरों में बजती पायलियाँ रहे, मन के फूलों से सजती पैजनियाँ रहे, और मैया कोई कामना ही नहीं. मेरी आँचल में गोदी में लल्ला रहें और मैया कोई कामना नहीं मेरे सिर पर माँ लाल चुनरियाँ रहें अपनी बेटी पे तेरी नजरियाँ रहें और मैया कोई कामना नहीं हर जनम में तेरी मैं सेवा करू, मेरे माथे पे कुम कुम की बिंदिया रहे मेरे माथे पर कुमकुम की बिंदिया रहे और मैया कोई कामना ही नहीं उनकी लम्बी उमर हो यहीं मांगती, और मैया कोई कोई कामना ही नहीं श्री शिवाय नमस्तुभ्यम कृपया भजन अन्य से भी शेयर अवश्य करें 🙏🙏🙏
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