
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया है कि यदि किसी स्त्री पुरुष, बच्चे वृद्ध को शरीर पर कैसा भी चर्म रोग हो, सफ़ेद दाग आदि का रोग हो तो यह उपाय किया जाना चाहिए. ध्यान रखें यह उपाय सोमवार की अष्टमी के दिन किया जाना चाहिए. सोमवार की अष्टमी को पांच दूर्वा लेवे एवं शिवलिंग के पांच स्थानों पर अर्पित करना चाहिए. पहला स्थान – शिवलिंग का मध्य भाग. गोल शिवलिंग जो होता है. यहाँ पर दूर्वा समर्पित करें. (चूँकि यहाँ दूर्वा रखी नहीं जा सकती अतः स्थान का स्पर्श करा कर दूर्वा उठा लेवें.) इसके मध्य भाग में दूर्वा को स्पर्श कर के पुनः उठा लेवें. दूसरा स्थान – शिवलिंग का सबसे ऊपर का भाग इस पर दूर्वा समर्पित करें. तीसरा स्थान – शिवलिंग के मध्य भाग में जहा पर दूर्वा को स्पर्श किया है, उसी के ठीक सामने जलधारी पर (माता पार्वती का स्थान) पर दूर्वा समर्पित करें. चतुर्थ स्थान – वह भाग जहां से जल निचे की ओर गिरता है. यह बहुत छोटा सा स्थान होता है. चूँकि यहाँ पर भी दूर्वा रखी नहीं जा सकती, ऐसे में दूर्वा का स्पर्श कराकर पुनः उठा लेवें. पंचम स्थान – अशोक सुंदरी के स्थान पर दूर्वा समर्पित करें. पाँचों स्थान पर दूर्वा अर्पित करते समय शिव पंचायत के पञ्च देवों का स्मरण करें. यह पञ्च देव है - सूर्य देव, नारायण, माँ जगदम्बा, शिवजी एवं गणेश जी. अर्पित करने के उपरान्त भगवान भोलेनाथ से अपनी समस्या दूर करने की प्रार्थना करें. पाँचों दूर्वा उठा कर घर ले आएं एवं प्रतिदिन एक एक दूर्वा का सेवन करते जाएं. आपकी समस्या धीरे धीरे अवश्य दूर होगी. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
उपाय की विभिन्न श्रेणियां लोड हो रही है