
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा श्रावण की अष्टमी हेतु (सोमवारी अष्टमी हो यह आवश्यक नहीं हैं) यह उपाय बताया गया हैं. यदि कोइ व्यक्ति व्यसन आदि में लिप्त हो, गलत आदतों में लगा हो, शराब या अन्य कोई नशा आदि करता हो तब यह उपाय किया जाना चाहिए. यह उपाय श्रावण की किसी भी अष्टमी को किया जा सकता हैं. (चाहे शुक्ल पक्ष की अष्टमी हो या कृष्ण पक्ष की अष्टमी हो) आवश्यक सामग्री शमी के पांच पत्ते बेलपत्र के पांच पत्ते एवं बैर के पांच पत्ते बैर के पत्तों पर लाल चन्दन लगाएं बेलपत्र पर पिला चन्दन लगाएं शमी पत्र पर कोई चन्दन न लगाएं अब पहले शिवलिंग पर पहले लाल चन्दन लगे पत्ते(बैर के पत्ते) फिर पिला चन्दन लगे पत्ते (बेलपत्र) एवं अंत में शमी पत्र शिवलिंग पर अर्पित करें. अपनी कामना कहें. फिर सभी पत्ते उठाकर बेलपत्र के वृक्ष के निचे रख कर उन पत्तों पर एक लोटा जल अर्पित करें. इन चढ़ाएं पत्तों में से पाँचों बेलपत्र के पत्तों को लेकर वापिस घर आ जाएं (केवल बेलपत्र के पत्ते वापिस लाना हैं). मंदिर पान करने वाले को, गलत आदतों, व्यसन आदि से घिरे व्यक्ति को प्रसाद रूप में 21 दिन तक उन पत्तों का थोडा थोडा भाग अवधुतेश्वर महादेव का नाम लेकर देना प्रारम्भ करें. धीरे धीरे उसकी गलत आदतें छूटती चली जाएंगी. एवं वह शिव की शरण शिव की भक्ति को प्राप्त करता हैं. हर हर महादेव 🙏🙏 श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
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