
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
दूध को दही बनाने के लिए थोडे से जमावन की आवश्यकता होती हैं. दूध में थोडा सा केसर पुरे दूध को केसरिया कर देता हैं. थोड़ा सा इत्र ही सम्पूर्ण घर को महका देता हैं. इसी तरह यह श्रावण का पवित्र माह हैं इसमें यह आवश्यक नहीं की बहुत ज्यादा भक्ति करें, बहुत समय मंदिर में बैठे आपके द्वारा किया गया थोडा सा शिव मंत्र जाप, शिव की थोड़ी सी भक्ति भी शिव के चरणों में स्वीकार होती हैं. यह आवश्यक नहीं कि शिव की साधना, आराधना केवल मोक्ष के लिए की जाती हो. शिवमहापुराण कहती हैं. यदि आपके मन में भोग की भावना हैं, किसी वस्तु की कोई कामना हैं तो भी आप शिव की साधना कर, शिव को प्रसन्न कर वह पा सकते हैं. कल की कथा में श्रवण किया हैं कि कैसे स्वयं माता प्रसूति ने श्रावण में शिव की उपासना एक कामना से करी थी कि मेरे पति राजा दक्ष प्रजापति का शीश टूटे तो उनके जीवन की रक्षा हो. घर, कार, बंगला, जमीन, धन, दौलत आपको पूर्वजों से प्राप्त हो सकता हैं. परन्तु इज्जत, सम्मान, आदर आपको कभी किसी वसीयत से प्राप्त नहीं होता हैं. यह व्यक्ति को को स्वयं अच्छा कर्म कर अपनी इज्जत एवं सम्मान बनाना पड़ता हैं. रिश्ता और रास्ता इन दोनों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं यदि रिश्ते पर ध्यान नहीं दिया तो रिश्ता टूट जाता हैं एवं रास्ते पर ध्यान नहीं दिया तो रास्ते से भटक जाते हैं, मार्ग से भटक जाते हैं. इसलिए दोनों पर ध्यान देना जरुरी होता हैं. आज कल रिश्ते इस गति से टूट रहे हैं जैसे डाली से कोई फुल टूट रहे हो, पति पत्नी के रिश्ते में ऐसे संबोधन न करें जिससे रिश्ते प्रभावित हो. यदि जीवन में एक बार शिव से रिश्ता जोड़ कर शिव पर जल अर्पित करना प्रारंभ कर दिया तो भले ही किसी कारण से आप शिव के मंदिर तक न पहुच पाओ परन्तु शिव अपने रिश्ते को निभाता अवश्य हैं. जीवन में कितनी भी तकलीफ आए, कितनी भी परेशानी आये, तनाव में जीवन हो कभी भी अपने जीवन को समाप्त करने का भाव मन में नहीं लाना चाहिए. अपनी मेह्नत को डबल कर, शिव का नाम स्मरण कर कार्य करते रहें एक न एक दिन शिव आपकी समस्याओं को अवश्य दूर करता हैं. जो बच्चे पढाई करने जाते हैं, वे भी कभी कभी असफलता के कारण, नंबर कम आने के कारण, परीक्षा में फेल होने के कारण गलत कदम उठा लेते हैं, दुबारा से मेहनत एवं शिव पर भरोसा कर आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं. इस संसार में बड़ी सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति भी कहीं न कहीं हमारे बिच से ही निकल कर जाता हैं. तो निश्चित रूप से अपनी मेहनत एवं लगन से हम भी वह सफलता प्राप्त कर सकते हैं. एक बार सारंग ऋषि ने शिव जी तपस्या शुरू करी बहुत समय तक शिवजी की तपस्या करने के उपरान्त शिवजी आये एवं सारंग ऋषि से काशी चलने के लिए कहा. सारंग ऋषि ने कहा प्रभु आप सभी भक्तों के उत्थान के लिए यहाँ विराजित होवें. एक दिन वृद्धा अवस्था में गंगा का जल लेने न जा सकें, शिवजी से प्रार्थना करी, शिवजी प्रकट हुए एक कुंड में गंगा जल प्रकट किया. एवं आशीर्वाद दिया हे सारंग ऋषि यहाँ पर मेरा शिवलिंग विराजित हो रहा हैं, जो आपके नाम सारनाथ महादेव के नाम से जगत में जाना जाएगा. इस शिवलिंग के दर्शन एवं पूजन मात्र से प्राणी के सभी पाप नष्ट होंगें होंगे एवं उसकी सभी मनोकामना पूरी होगी. कभी अवसर प्राप्त हो एवं काशी जाए तो बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ साथ सारनाथ महादेव के दर्शन अवश्य करें. (गुरुदेव द्वारा सारनाथ महादेव का एक सुन्दर उपाय बताया गया है जो आप उपाय खंड में लिखित रूप में देख सकते हैं. साथ ही उपाय का वीडियो ‘महत्वपूर्ण वीडियो खंड में उपलब्ध हैं)’ यदि कोई अपनी ख़राब परिस्थिति में आपको याद करता हैं, तो उस पर क्रोधित नहीं होना चाहिए कि इसे जब जरुरत होती हैं तभी यह आता हैं, तभी यह हमें याद करता हैं, क्योंकि अँधेरा होने पर मोमबत्ती की आवश्यकता होती हैं, टोर्च की आवश्यकता होती हैं. यह भाव रखें कि आप उस व्यक्ति के लिए मोमबत्ती के समान हैं जो उसके बुरे समय में प्रकाश ला सकते हैं. एवं यदि आप समर्थ हैं, सहायता कर सकते हैं तो अवश्य मदद करना चाहिए, उसे प्रेरित करना चाहिए ताकि वह उसके बुरे समय से निकल पाए, आपका सहारा केवल एक व्यक्ति को नहीं एक पुरे परिवार को लगता हैं. एक समय महादेव साधना में बैठे थे तभी कुछ राक्षस वहां पर आते हैं. नंदी को पता नहीं था वे क्यों आये हैं. एक बार महादेव जी के पास कुछ असुर आए, महादेव समझ गए यह क्यों आए हैं, माता पार्वती जी समझ गई कि इन असुरों के आने का कारण क्या हैं. परन्तु नंदी को पता नहीं था, ये असुर यहाँ क्यों आये हैं. नंदी को लगा ये असुर किसी दुर्भावना से यहाँ आए हैं. वे क्रोधित होने लगे. उन्हें लगा कहीं ये कैलाश धाम को नष्ट करने तो नहीं आए. नंदी क्रोध अवस्था में युद्ध की भावना से उनके ऊपर टूट पड़े. शिवजी ने उन्हें रोका परन्तु उन्हें रोक नहीं पाएं. नंदी गए एवं उन असुरों को भगा दिया. वापिस आए तो शिवजी नंदी पर नाराज हुए. हे नंदी कोई मेरे पास आए और तुमने बिना कुछ जाने उन्हें मुझसे दूर कर दिया. तुमने मेरी शरण में आए किसी असुर को भी मुझसे दूर किया है. आज से तुम भी मंदिर में मेरे साथ नहीं मुझसे दूर रहोगे. तुम्हारा स्थान मेरे पास, मेरे साथ नहीं बल्कि मुझसे दूर होगा. तुमने मेरे दरवाजे पर आए आगंतुक को मुझसे दूर किया हैं, अब शिव मंदिर में तुम्हारा स्थान भी मुझसे दूर होगा. एक बार ब्रह्मा जी ने कृष्ण जी की परीक्षा लेते हुए सभी गोप ग्वालों एवं गायों को गायब कर दिया, कृष्ण जी से दूर कर दिया. वहीँ एक बार इंद्र ने क्रोध किया एवं बहुत वर्षा की जिससे सभी गोप ग्वाल एक गोवर्धन के निचे कृष्ण जी के पास आ गए. चूँकि इंद्र ने सभी को एक साथ एक जगह एकत्रित कर दिया इसलिए कृष्ण जी ने उन्हें माफ़ कर दिया, जबकि ब्रह्मा जी ने सभी भक्तों को दूर किया इसलिए उन्हें माफ़ नहीं किया. मंदिर के अन्दर कोई पशुपतिनाथ का व्रत कर रहा हो, सोलह सोमवार का व्रत कर रहा हो, या कोई पूजन कर रहा हो. और वहां पर कोई मंदिर का ट्रस्टी या जो भी मंदिर को संभालने वाले वहां पहुचें एवं पूजन कर रहे व्यक्ति पर डाटने लगे, क्रोध करने लगे तो समझना चाहिए उस व्यक्ति का खराब समय प्रारम्भ होने वाला हैं. शिव की उपासना में लगे व्यक्ति पर क्रोध करना, उसे डाटना नहीं चाहिए. आप प्रेम पूर्वक कह सकते हैं, धीरे से समझा भी सकते हैं. शिव मंदिर में पूजन के करते समय यदि कोई कुछ गलती भी कर दे तो उसे शिव मंदिर में डाटना नहीं चाहिए, उसकी निंदा नहीं करना चाहिए. चाहे तो बाद में मंदिर से बाहर उसे धीरे से प्रेम से बता देवें परन्तु मंदिर में शिव के सामने कभी किसी की गलती न देखें. क्योंकि मंदिर में किसी की गलती ढूंढने नहीं, हम शिव को ढूंढने जाते हैं. शिव मंदिर में शिव की अविरल भक्ति को प्राप्त करने के भाव से जाए, आनंद से शिव का पूजन करें. एक बैंक की डायरी बता देती हैं, की आपका बेलेंस कितना हैं, उसी तरह आपकी वाणी बता देती हैं, कि आपकी भक्ति कितनी हैं. यदि आप बहुत पूजा भक्ति करते हैं, लेकिन क्रोध करते हैं, किसी की निंदा में लगे रहते हैं. आलोचना करते रहते हैं तो यह हमारी भक्ति को समाप्त करने लगता हैं. अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए. अपने शब्दों का चयन सोच समझ कर करना चाहिए. आज कथा में गुरुदेव द्वारा दो उपाय भी बताए गए. यह उपाय लिखित रूप में उपाय खंड में उपलब्ध रहेंगे. जबकि यदि आप उपाय का वीडियो देखना चाहे तो यह आपको ‘महत्वपूर्ण वीडियो’ खंड में प्राप्त होगा.
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