
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
श्रावण के अवसर पर प्रस्तुत हैं सुन्दर शिव भजन - "सावन का महिना आएं हैं भोलेनाथ, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम डम आज". आप सभी की सुविधा के लिए भजन लिरिक्स आप के लिए उपलब्ध हैं. लिखित में शिव भजन आपके लिए उपलब्ध हैं. आप इस भजन का PDF डाउनलोड भी कर सकते हैं. Bhajan:- Savan ka mahina aayen hain bholenath, hava ke kan kan me gunje hain, damru dam dam aaj सावन का महिना आएं हैं भोलेनाथ, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. हो.. सावन का महिना आएं हैं भोलेनाथ, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. जीवन बिताया यहाँ मोह माया जाल में, बिसराया तुझको भोले, पड़कर जंजाल में, जीवन बिताया यहाँ मोह माया जाल में, बिसराया तुझको भोले पड़कर जंजाल में, अब आई शरण में तेरे तू थामना मुझको नाथ हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. हो.... सावन का महिना आएं हैं भोलेनाथ, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. शिव ही हैं सत्य, और शिव ही अनंता, शिव ही अनादी और शिव भगवंता शिव ही हैं सत्य, और शिव ही अनंता, शिव ही अनादी और शिव भगवंता शिव शंकर की महिमा पर भक्तों को हैं नाज, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. हो.... सावन का महिना आएं हैं भोलेनाथ, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. चिंता नहीं हैं कोई अब हमें काल की, क्योंकि कृपा हम पे उस महाकाल की, चिंता नहीं हैं कोई अब हमें काल की, क्योंकि कृपा हम पे उस महाकाल की, काल भी डरता जिससे वो हैं भोले सरकार, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. हो.... सावन का महिना आएं हैं भोलेनाथ, हवा के कण कण में गूंजे हैं, डमरू डम-डम आज. कृपया सुन्दर भजन अपने सभी भजन मंडली में शेयर अवश्य करियेगा
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