
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा कथा में गाया गया सुन्दर भजन "भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे" के लिरिक्स आपके लिए लिखित रूप में उपलब्ध हैं. आप भजन का PDF Download भी कर सकते हैं. Bhajan - 'Puja ki thali hum liye khade re, bhole teri seva hamse na bani re' - Lyrics पूजा की थाली हम लिए खड़े रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे || पूजा की थाली हम लिए खड़े रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे || कहाँ से लाऊ गंगा, कहाँ से लाऊ यमुना, कहाँ से लाऊ सरयू अपार पड़ी रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे || कहाँ से लाऊ लड्डू, कहाँ से लाऊ पेड़ा, कहाँ से लाऊ बर्फी, शकर चढ़ी रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे || कहाँ से लाऊ चंदा, कहाँ से लाऊ सूरज कहाँ से लाऊ तारे, आकाश जड़े रे, भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे || पूजा की थाली हम लिए खड़े रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे ||
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