
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताया गया जब भी हम शिव पूजन करें, शिव के सेवा कर रहे हो, या कोई भी पूजन कर रहे हो, इन पांच स्थानों पर आपका ध्यान लगाना चाहिए. पांच स्थान बताए गए हैं. जहाँ पर बैठकर यदि आप शिव आराधना कर रहे हैं, तो आपका ध्यान केन्द्रित रहना चाहिए. इन स्थानों पर, पूजन करते समय ध्यान पूरी तरह से उस कार्य में होना चाहिए. आपका ध्यान नहीं भटकना चाहिए. पहला – जिस समय पर आप भगवान को दीप लगाते हैं. दीपक लगाते समय व्यर्थ किसी से बातचीत नहीं करना चाहिए. अपना पूरा ध्यान दीप एवं उसमें प्रज्वलित हो रही ज्योति पर केन्द्रित होना चाहिए. चाहे आप मंदिर में दीप लगाओं, घर में दीप लगाओं, घर के बाहर दीप लगाए या किसी वृक्ष के निचे दीप लगाएं आपका पूरा ध्यान उस दीप में होना चाहिए. दीप की ज्योति में दिखाई दे रहे ज्योतिर्लिंग में होना चाहिए दुसरा – जब आप तुलसी, सूर्य देव, बेलपत्र, शमीवृक्ष को जल अर्पित करें तब आपका ध्यान गिराए जा रहे जल की धार पर आपका ध्यान केन्द्रित होना चाहिए तीसरा – जब किसी देवालय में आप किसी भगवान के चरणों में झुकें हो तो आपका ध्यान उनके चरणों में होना चाहिए. चौथा स्थान – जब आप बहुत परेशानी में तकलीफ में हो कुछ समय नंदी के पास बैठना चाहिए. नंदी के पास जब आप बैठों, तो जो नंदी का एक पाँव उठा रहता हैं. वहां बैठकर बाबा भोलेनाथ में ध्यान लगाकर अपने मन की परेशानी, पीड़ा शिव से व्यक्त करें. इस दौरान आपका ध्यान देवाधिदेव महादेव में होना चाहिए. पांचवा स्थान – जब सही मार्ग नहीं मिल रहा हो, तो शिवलिंग के ऊपर जो जलाधारी लगी रहती हैं, तो जब शिवमंदिर से बाहर निकलकर वहां से जलाधारी का दर्शन करते हुए उसमें अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए. कृपया यह जानकारी अन्य भक्तो से भी अवश्य साझा करें आप इस विषय पर आधारित सम्पूर्ण वीडियो App के महत्वपूर्ण खंड में देख सकते हैं. साथ ही यह वीडियो Youtube पर 'Gurudev App' चैनल पर भी उपलब्ध हैं 🙏🙏
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