
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी बताते है कि यदि किसी महिला को गर्भाशय से सम्बंधित कोई समस्या हो, बच्चे की गर्भाशय में ही मृत्यु हो जाती हो, गर्भवती होने के पश्चात तीसरे, चौथे या किसी भी महीने ने गर्भाशय में में ही शिशु की म्रत्यु हो जाती हो, या गर्भाशय में कोई गठान हो तो ऐसे में ऐसी स्त्रियों को यह उपाय करना चाहिए. यह उपाय 21 दिन किया जाता है. इस अवधि में यदि रजस्वलाधर्म आता है तो उस दिन परिवार का कोई अन्य सदस्य यह उपाय कर सकता है. इस हेतु घर पर ही आपके जो भी मंदिर हो, पूजा घर हो, जहाँ आपने भगवान विराजित किये हो. वहां साफ़-स्वच्छ आसन पर बैठ कर अपने सामने गाय के गोबर से बनी कंडा जलाएं एवं उस पर देसी गाय का थोड़ा सा घी एवं गूगल के धुप अर्पित करें. जब थोड़ा धुंआ उठने लगे तब इसी धुप के सामने एक दीपक प्रज्वलित करें. प्रज्वलित करते समय, धुप देंते समय ॐ नमः शिवाय, श्री शिवाय नमस्तुभ्यम या आपका जो गुरु मंत्र हो उसका स्मरण करते रहें. श्री धुमेश्वर महादेव एवं माता धूमावती का स्मरण करते हुए अपनी तकलीफे अपना कष्ट दूर करने की प्रार्थना करें. यह उपाय किसी भी दिन प्रारम्भ किया जाता है, एवं 21 दिन लगातार किया जाता है. हर हर महादेव श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
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