
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
जब भी आप किसी त्यौहार, तिथि पर किसी जलाशय(नदी, कुआ, तालाब, बावड़ी) में स्नान हेतु जाए. स्नान कर. वहां का जल अपनी अंजुरी(हाथ में ) लेकर पितरों का स्मरण करते हुए वहीँ पानी में अर्ध्य(चढ़ावें) देवें. वह जल पितरों को प्राप्त होता है. वह तृप्त होते है. आपको आशीर्वाद प्रदान करते है. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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