
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
एक बार एक विशाल शिवलिंग प्रकट हुआ. भगवान् ब्रह्मा उस शिवलिंग का मुंह देखने के लिए लालायित हुए कि इस शिवलिंग में शिवजी का मुंह कहा है? एवं भगवान् विष्णु शिवलिंग के पैर देखने के लिए गए. वे गए परन्तु बहुत ऊपर पहुचने पर भी ब्रह्म देव को शिवलिंग का मुह दिखाई नहीं दिया. ब्रम्ह देव परेशान होकर उधर से एक केतकी का पुष्प और गाय माता को ले आए. विष्णु जी को शिवलिंग के चरण दिखाई नहीं दिए. वापिस आए और शिवलिंग के सामने ही भोलेनाथ ने विष्णु देव से पूछा आपको चरण मिले विष्णु देव ने सत्य कहा - 'नहीं मुझे चरण दिखाई नहीं दिए'. ब्रह्म देव से पूछा आपको मुख दिखाई दिया? ब्रह्म देव ने कह दिया हा दिखाई दिया यह दो गवाह भी है: केतकी का पुष्प और गौ माता केतकी पुष्प ने झूठ कहा मै सिर पर ही चढ़ा हुआ था. ब्रह्म देव ने मुख दर्शन किया है. गौ माता ने भी झूठ कह दिया हां ब्रह्म देव ने मुख दर्शन किया है. भोलेनाथ ने क्रोधित होकर केतकी के पुष्प को श्राप दिया वह कभी शिव पूजा में शामिल नहीं किया जाएगा. वही गौ माता को श्राप दिया हे! गौ माता तू सम्पूर्ण जगत में पूजनीय है, सम्पूर्ण जगत की माँ मानी जाती है.. तेरा सम्पूर्ण शरीर पूजनीय है, परन्तु तूने शिवलिंग के सामने अपने मुख से झूठ कहा है. इसलिए तेरा पूरा शरीर पूजनीय होगा परन्तु तेरे मुख की पूजा नहीं होगी. तभी सारे दान आगे(सामने) से किए जाते है, परन्तु गौ दान पूंछ पकड़ कर किया जाता है. वही सभी की परिक्रमा सामने(मुख) से शुरू होती है, परन्तु गाय की परिक्रमा पीछे से शुरू होती है. भगवान् ब्रह्मा का शीश काट दिया जाता है. भगवान् विष्णु के सत्य वचन के कारण उन्हें सत्यनारायण नाम दिया. आज भगवान् सत्य नारायण हर घर में पूजित है. एक झूठ गौ माता को भी श्रापित कर सकता है, भोलेनाथ का अपराधी बना सकता है. अतः हम भी अपने जीवन में सत्य के मार्ग पर चले, एवं शिव के कृपा पात्र बन कर रहें. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम कृपया जानकारी सभी से शेयर करें ताकि हर सनातनी परिवार को अपनी पौराणिक प्रथाओं के पीछे की वजह पता रहे. हर हर महादेव
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