
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा गाया गया सुन्दर भजन - "तेरे डमरू की धुन सुन के मैं काशी नगरी आई हूँ" आपके लिए भजन लिखित रूप में उपलब्ध हैं. आप भजन लिरिक्स PDF Download कर सकतें हैं. Bhajan Lyrics: Tere Damru ki dhun sun ke main kashi nagari aai hun तेरे डमरू की धुन सुनके, मैं काशी नगरी आई हूँ, मेरे भोले ओ बम भोले, मैं काशी नगरी आई हूँ ॥ तर्ज – तेरी मुरली की धुन सुनने। सुना है हमने ओ भोले, तेरी काशी में मुक्ति है, उसी मुक्ति को पाने को, मैं काशी नगरी आई हूँ, मेरे भोले ओ बम भोले, मैं काशी नगरी आई हूँ ॥ सुना है हमने ओ भोले, तेरी काशी में गंगा है, उसी गंगा में नहाने को, मैं काशी नगरी आई हूँ, मेरे भोले ओ बम भोले, मैं काशी नगरी आई हूँ ॥ सुना है हमने ओ भोले, तेरी काशी में मंदिर है, उसी मन्दिर में पूजा को, मैं काशी नगरी आई हूँ, मेरे भोले ओ बम भोले, मैं काशी नगरी आई हूँ ॥ सुना है हमने ओ भोले, तेरी काशी में भक्ति है, उसी भक्ति को पाने को, मैं काशी नगरी आई हूँ, मेरे भोले ओ बम भोले, मैं काशी नगरी आई हूँ ॥ तेरे डमरू की धुन सुनके, मैं काशी नगरी आई हूँ, मेरे भोले ओ बम भोले, मैं काशी नगरी आई हूँ ॥
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