
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
अपने पिता की मृत्यु के बाद एक बेटे ने अपनी माँ को वृद्धाश्रम छोड़ दिया और कभी कभार उनसे मिलने चला जाता था. एक शाम उसे वृद्धा श्रम से फोन आया तुम्हारी माताजी की तबियत बहुत ख़राब है, एक बार आकर मिल लो. पुत्र गया तो उसने देखा की माँ बहुत बीमार है. उसने पूछा, माँ मै आपके लिए क्या कर सकता हूँ. माँ ने जवाब दिया: 'कृपा करके वृद्धाश्रम में फ्रिज लगवा देना ताकि खाना ख़राब ना हो, कई बार मुझे बिना खाए ही सोना पड़ता था. यहाँ गर्मी भी बहुत होती है कुछ पंखे लगवा देना. पुत्र ने आश्चर्यचकित होकर पूछा, 'माँ, आपको यहाँ इतना समय हो गया आपने कभी शिकायत नहीं की, आज बीमार हो तो आप मुझे यह सब बता रही हो. क्यों? माँ ने जवाब दिया, 'बात यह है बेटा कि मैंने तो गर्मी, भूख और दर्द सब बर्दाश्त कर लिया, लेकिन जब तुम्हारी औलाद तुम्हें यहाँ भेजेंगी तुम यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाओगे. यदि आप इस छोटी सी कहानी का सार समझ जाएं तो शेयर अवश्य करिएगा. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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