
ज्ञान, भक्ति और आध्यात्मिक मार्गदर्शन
पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में (शाम के समय) एक घी का दीपक (लम्बी बत्ती) अपने आस पास की किसी भी नदी, बावड़ी, कुआ या तालाब पर (इनमें से कुछ न हो तो पीपल के वृक्ष के निचे या बिल्वपत्र के वृक्ष के निचे) जरुर लगाए. एवं दीपक का मुंख दक्षिण की तरफ रखें. 16 दिन पृथ्वी पर अपने परिवार के साथ रहने के पश्चात यह वह समय होता है जब पितरों के देवता आर्यमा पितरों को लेने धरती पर आते है. उनके सम्मान में एक दीपक जलाकर पितरों को स्मरण करते हुए उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें. घर से जाते समय प्रसन्न चित्त पितृ अपने परिवार जनों को अवश्य खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान करते है. श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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